
“व्हेयर देयर इज़ नो वेट” (यहाँ पर कोई पशु चि कित्सक नहीं) पुस्तक का विचार वर् षों पहले आया था।
काम आधिकारिक तौर पर 1985 में स्वर्गी य डॉ. बिल बेक र द्वारा शुरू किया गया था, जि न्होंने आठ
साल तक हैती में एक पशु चि कित्सक के रूप में काम किया था। डॉ बेक र ने दुनि या के अधिकांश ग्रामीण
लोगों के जीवन में पशुधन की महत्वपूर्ण भूमिक ा को पहचाना। वह उन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए
एक उपयोगी पुस्तक विकसि त करना चाहते थे “जहां कोई पशु चि कित्सक नहीं है।” यह पुस्तक उस
मूल दर्शन का विस्ता र करती है और पशुधन स्वा स्थ्य में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए
लिखी गई है, भले ही वे स्वयं पशुधन का मालिक हो या नहीं। इस पसु ्तक में ऐसे कार्यकर्ता ओ ंको “पश ु
स्वा स्थ्य प्रतिनिध ि” यानि ‘एनि मल हेल्थ एजेंट’ (ए.एच.ए.) कहा जाता है।